भगवान श्रीकृष्ण ने जयपुर में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर में पूजा की थी। यह मंदिर आमेर में है।
जयपुर के आमेर में स्थित अंबिकेश्वर महादेव मंदिर हजारों साल पुराना है। इस मंदिर की स्थापना द्वापर युग में हुई थी। भगवान श्रीकृष्ण ने इस मंदिर में पूजा भी की थी।
राजस्थान की राजधानी पिंकसिटी जयपुर में घूमने की कई प्रसिद्ध स्थान है। आमेर भी इनमें से एक है। आमेर जयपुर की प्राचीन राजधानी थी। आमेर में महल के अतिरिक्त और भी कई प्राचीन स्थान है। आमेर को आम्बेर भी कहा जाता है। इसका प्राचीन नाम अंबिका नगर था। यहां पर अंबिका वन था और उसके आधार पर इस क्षेत्र का नाम अंबिका नगर , फिर आम्बेर और अब आमेर हुआ।
आमेर घूमने आए तो यहां प्राचीन अंबिकेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करना ना भूले। यह मंदिर अपनी भव्यता के साथ ऐतिहासिकता के कारण फेमस है। प्राचीन अंबिकेश्वर शिव मंदिर आमेर फोर्ट के पास सागर रोड पर स्थित है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने अंबिकेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा की थी। भगवान श्रीकृष्ण के अम्बिका वन में आने और यहां स्थित अंबिकेश्वर महादेव की पूजा करने का उल्लेख भगवत् पुराण में भी मिलता है। दरअसल, नंद बाबा और ग्वालों के संग श्रीकृष्ण इस वन में ही आए थे। उन्होंने यहां भगवान शिव की पूजा की थी।
यह प्रसिद्ध शिव मन्दिर 14 खंभों पर टिका हुआ है
शिव मंदिर की जहलरी भूतल से करीब 22 फुट गहरी है और इस मन्दिर की एक खासियत यह है कि बारिश के मौसम में यहां भूगर्भ का जल उपर तक आ जाता है और मूल शिवलिंग जलमग्न रहता है। बारिश का मौसम समाप्त होते ही यह पानी वापस भूगर्भ में चला जाता है जबकि उपर से डाला पानी भूगर्भ में नहीं जाता। जयपुर का यह प्रसिद्ध शिव मन्दिर 14 खंभों पर टिका हुआ है।